महाराष्ट्र के सांगली, सातारा समेत पश्चिम महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मौसम विभाग ने आज (20 मार्च, रविवार) और कल बेमौसम बरसात (Maharashtra weather forecast) होने का अनुमान जताया है. पिछले कुछ दिनों से राज्य के कई हिस्सों में बेमौसम बरसात हुई है. दूसरी तरफ विदर्भ, मराठवाडा और मध्य महाराष्ट्र के कई इलाकों में तापमान तेजी से बढ़ा है और हीट वेव शुरू है. ऐसे में कोंकण क्षेत्र के रत्नागिरी (Ratnagiri in konkan region) जिले में अब चक्रवातीय तूफान (Cyclone) आने की आशंका बताई जा रही है. इससे कुछ समय पहले भी ‘निसर्ग’ और ‘तौक्ते’ तूफान की वजह से कोंकण क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था. स्थानीय मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों में इस नए तूफान की आशंका ने दहशत बढ़ा दी है. लेकिन रत्नागिरी के जिलाधिकारी ने इस संबंध में स्थिति साफ की है.
रत्नागिरी के जिलाधिकारी ने कोंकण क्षेत्र या रत्नागिरी जिले में चक्रवातीय तूफान से संबंधित दावे को ठुकरा दिया है. जिलाधिकारी की ओर से कहा गया है कि आने-वाले दो-चार दिनों में महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में चक्रवातीय तूफान आने की जो चर्चा है, उसमें तथ्य नहीं है. यह कहते हुए रत्नागिरी के जिलाधिकारी डॉ. बी.एन.पाटील ने जनता से अपील की है कि वे बिना वजह ना घबराएं और पेनिक ना फैलाएं.
जिलाधिकारी के कार्यालय से आई सफाई, तूफान आने की खबर में नहीं है सच्चाई
भारतीय मौसम विभाग (IMD) की रिपोर्ट के मुताबिक अंडमान-निकोबार और बंगाल की खाड़ी के आस-पास मौसम बदलने की वजह से तूफान आने जैसे हालात पैदा हो गए हैं. इसलिए वहां के मछुआरों को महाराष्ट्र के कोंकण तट पर आश्रय दिए जाने की अपील की गई है. लेकिन कोंकण किनारे पर तूफान आने की कोई आशंका नहीं है. यह जानकारी जिला प्रशासन के कार्यालय की ओर से दी गई है. इस सफाई और सूचना के बाद कोंकण क्षेत्र की जनता ने राहत की सांस ली है.
इससे पहले कोंकण क्षेत्र में आए ‘निसर्ग’ और ‘तौक्ते’ तूफान की वजह से काफी नुकसान हुआ था. कई लोगों के घर उजड़ गए थे. आमदनी का साधन आम और काजू के बाग उखड़ गए थे. इसलिए चक्रवाती तूफान के नाम से ही स्थानीय लोगों में दहशत पैदा हो जाती है. लेकिन अब जिलाधिकारी द्वारा दी गई सफाई के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है.
आज और कल पश्चिम महाराष्ट्र में होगी बेमौसम बरसात
लेकिन मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को पश्चिम महाराष्ट्र में बेमौसम बरसात होने की आशंका जताई है. बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र तैयार होने की वजह से बरसात की आशंका है.