फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है. मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन ही ब्रह्मा जी के आंसू श्री हरि के चरणों में गिरकर आंवले के पेड़ में बदल गए थे. इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है.
आमलकी एकादशी पर बना खास योग
आमलकी एकादशी तिथि 13 मार्च को सुबह 10:21 बजे से से 14 मार्च की दोपहर 12:05 मिनट तक रहेगी. और इसका व्रत आज यानी कि 14 मार्च को रखा जाएगा. ज्योतिष के मुताबिक आमलकी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है, जो कि बेहद शुभ माना जा रहा है. इस योग में किए गए पूजा-पाठ का विशेष फल मिलता है. साथ ही इस योग में किए गए उपाय भी जल्दी अपना फल देते हैं.
आमलकी एकादशी पर करें ये विशेष उपाय
आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को आंवला अर्पित करना चाहिए और खुद भी आंवले का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा आमलकी एकादशी के दिन किए गए कुछ उपाय कई तरह की परेशानियों से निजात देते हैं.
मनोकामना पूर्ति का उपाय: आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर अपनी मनोकामना एक कागज पर लिख दें. फिर इस कागज को भगवान के चरणों में रख दें. जल्दी ही मनोकामना पूरी हो जाएगी.
तरक्की पाने का उपाय: यदि अपने व्यापार में तरक्की चाहते हैं तो आमलकी एकादशी के दिन किसी मंदिर, पार्क या रोड के किनारे आंवले का पौधा लगाएं और फिर रोज उसकी सेवा करें. इसके अलावा आंवले के पेड़ पर रोज जल चढ़ाने और दीपक लगाने से कारोबार में तेजी से तरक्की मिलती है.
परेशानियां दूर करने का उपाय: जीवन कई मुसीबतों से घिर गया हो तो आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ पर जल चढ़ाएं, दीपक जलाएं और फिर पेड़ की मिट्टी को अपने माथे पर लगाकर भगवान से अपनी परेशानियां दूर करने की प्रार्थना करें. इससे जल्द ही राहत मिलेगी.
दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने का उपाय: पति-पत्नी के बीच के मनमुटाव को दूर करने के लिए और दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए आमलकी एकादशी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करें. पेड़ पर 7 बार सूत का धागा लपेटें. दीपक जलाएं और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से सारी सुखी दांपत्य जीवन देने की प्रार्थना करें.