कहते हैं जहां चाह वहां राह, दरअसल यह कहावत हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दिल्ली-NCR की सड़कों में फर्राटे भर रहे प्रदीप को भी देश की रक्षा के लिए कुछ ऐसा जुनून सवार है कि वो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर दिन 10 किमी दौड़ लगाते हैं। आईये आपको इस अनोखे जज्बे की पूरी स्टोरी बताते हैं।


आधी रात को जब फिल्म प्रोड्यूसर विनोद कापड़ी नोएडा में गाड़ी से जा रहे थे, तो उन्होंने एक युवक को पीठ पर बैग लादे हुए दौड़ते हुए देखा। सड़क पर फर्राटे भर रहे प्रदीप को देखते ही प्रोड्यूसर कापड़ी ने लिफ्ट देने का ऑफिर किया, लेकिन अपने जुनून में सवार प्रदीप ने लिफ्ट लेने से इनकार कर दिया। प्रदीप हमेशा अपने घर से काम करने के लिए दौड़ते हुए आते हैं। जब कापड़ी ने पूछा कि कहां काम करते हो, तो प्रदीन ने जवाब दिया कि McDonald’s सेक्टर -16 में काम करता हूं।

फिल्म प्रोड्यूसर ने एक बार फिर लिफ्ट देने के लिए जोर दिया, लेकिन प्रदीप ने कापड़ी की एक न सुनी और कहा कि मुझे दौड़ने के लिए सिर्फ यही समय है। अगर लिफ्ट ले लिया तो फिर कब दौड़ूंगा। जब कापड़ी ने पूछा कि इतना क्यों दौड़ते हो तो प्रदीप ने जवाब दिया कि वो सेना में भर्ती होना चाहता है, इसके लिए रोज दौड़ता है। प्रदीप ने कापड़ी को बताया कि उसके घर से ऑफिस 10 किमी की दूरी पर है। जब कापड़ी ने पूछा कि सुबह क्यों नहीं दौड़ते हो तो प्रदीप ने जवाब दिया कि सुबह उसकी 8 बजे की शिफ्ट है और ड्यूटी पर जाने से पहले उसे भोजन बनाना होता है।

उत्तराखंड के रहने वाले प्रदीप मेहरा ने बताया कि वो अपने भाई के साथ रहता है, उसकी मां अस्पताल में भर्ती है। कापड़ी ने प्रदीप से पूछा कि खाना कब खाओगे, तब प्रदीप ने कहा कि वो घर जाकर खाना बनाएगा। इस पर कापड़ी ने अपने घर में डिनर का ऑफर दिया और कहा कि चलो मैं अपने घर में तुम्हें खाना खिलाता हूं। प्रदीन ने कापड़ी के डिनर ऑफर को ठुकरा दिया और कहा कि मैं अगर खाना नहीं बनाऊंगा तो मेरा भाई भूखा रह जाएगा। जब कापड़ी ने पूछा कि तुम्हारा भाई खाना क्यों नहीं बना सकता है, इस पर प्रदीप ने बताया कि वो नाइट शिफ्ट में काम करते है। कापड़ी ने फिर से लिफ्ट देने का ऑफर किया, जिस पर प्रदीप ने कहा कि वो मेरी रोज की दिनचर्या है।