छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के तहसील कार्यालय रायगढ़ (Raigarh) में भगवान शिव सहित दर्जनों लोग पेशी में उपस्थित हुए (Lord Shiva in Court). लेकिन भगवान शिव को पेशी के लिए अगली तारीख दी गई. क्योंकि पीठासीन अधिकारी अन्य शासकीय कार्यो में व्यस्त थे. सुनने में यह बात उटपटांग जरूर लग रही है लेकिन हकीकत यही है. मामला रायगढ़ नगर निगम (Raigarh Municipal Corporation) वार्ड नंबर 25 के अंतर्गत कौहाकुंडा क्षेत्र का है. दरअसल वार्ड क्रमांक 25 की ही निवासी सुधा रजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि और तालाब पर कब्जा करने का आरोप लगाया. हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई थी.


न्यायालय ने राज्य सरकार और तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया था. तहसील कार्यालय के अधिकारी ने एक जांच टीम बनाकर 3 दिनों तक जांच की. जांच में 10 लोगों के खिलाफ जमीन और तालाब पर कब्जा करना पाया गया. जिसके बाद पिछले दिनों नायब तहसीलदार रायगढ़ के द्वारा सरकारी जमीन और तालाब में कब्जे को लेकर 10 लोगों को नोटिस जारी किया था, जिसमें भगवान शिव का भी नाम शामिल था.

सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना देने की चेतावनी

इतना ही नहीं तहसील कार्यालय के नोटिस में भगवान शिव सहित सभी को चेतावनी भी दी गई थी कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल किया जा सकता है. बता दें कि नायब तहसीलदार के द्वारा जो 10 कब्ज़ा धारियों को नोटिस जारी किया गया था उसमे छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम है जबकि यह शिव मंदिर सार्वजनिक है.

जांच में 10 लोगों के खिलाफ जमीन और तालाब पर कब्जा करना पाया गया

नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है बल्कि सीधे शिव भगवान को ही नोटिस जारी किया गया था. आज पेशी की तिथि पर वार्ड पार्षद सपना सिदार सहित दर्जनों लोग शिव मंदिर के शिवलिंग को लेकर पेशी में पहुंच गए लेकिन तहसीलदार के चेंबर के बहार सूचना चस्पां कर दी गई कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य शासकीय कार्यो में व्यस्त है. सुनवाई अब अगली तारीख 13 अप्रैल 2022 को होगी.