कोरोना वायरस के लेटेस्ट ओमिक्रॉन वैरियंट को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने राहतभरी खबर दी है। WHO कई देशों के लोगों के सैम्पल लेकर वायरस के इस वैरियंट की जांच की। इसमें सामने आया है कि ओमिक्रॉन का BA.1 वैरियंट BA.2 से ज्यादा खतरनाक नहीं है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर कोरोना का नया वैरियंट आया तो 6 से 8 महीने में कोरोना की चौथी लहर आ सकती है। ओमिक्रॉन वैरियंट से यह बात सामने आ चुकी है कि नए वैरियंट्स पर वैक्सीन की इम्यूनिटी असर नहीं कर रही। एक्सपर्ट का कहना है कि ऐसा आगे भी होगा।
नहीं है ज्यादा खतरनाक नया वैरियंट
कोरोना वायरस के नए वैरियंट ओमिक्रॉन का असर भारत में हल्का हो चुका है। हालांकि इसका एक और म्यूटेशन BA.2 कुछ देशों में मिलने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ गई है। मंगलवार को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने राहतभरी खबर दी है कि BA.2 वैरियंट BA.1 यानी ओरिजनल ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक नहीं है।
दुनिया में घट रहा है सर्कुलेशन
WHO साइंटिस्ट डॉक्टर मारिया वान करखोव ने बताया है कि कई देशों के सैंपल चेक करने के बाद यह नतीजा निकला है कि इसकी सीवियरटी उतनी है। इससे भी हॉस्पिटलाइजेशन का खतरा है लेकिन यह ज्यादा सीवियर नहीं बल्कि उतना ही है। WHO ने अपने शुरुआती स्टेटमेंट में कहा था कि नया वायरस ज्यादा जल्दी ट्रांसमिट होने वाला लग रहा है। हालांकि यह बात भी बताई थी कि सभी वैरियंट्स का ग्लोबल सर्कुलेशन घट गया है।
..तो 6 से 8 महीने में आएगी नई लहर
वहीं CNBCTV की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टर जयदेवन ने बताया, वायरस हमारे बीच ही रहने वाला है। लंबे समय तक उतार-चढ़ाव देखने को मिलते रहेंगे। नया वायरस कब आएगा ये तो कहना मुश्किल है। हालांकि इसके इतिहास को देखते हुए कहा जा सकता है कि लहर एक बार फिर से आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चौथी लहर BA.2 से नहीं आएगी क्योंकि यह BA.1 से इन्फेक्टेड लोगों को संक्रमित नहीं कर पा रहा। अगर नया वैरियंट आया तो 6 से 8 महीने में नई लहर आ सकती है।