अगर आप रोज नॉन-वेज खाना खाते हैं, तो आपको थोड़ा सावधान रहना होगा। आपको पता होना चाहिए कि आप अपने पेट और शरीर को क्या दे रहे हैं। अब चूंकि बाज़ार में नॉन-वेज चीज़ों के कई विकल्प या वेरायटी उपलब्ध हैं, तो हो सकता है कि उनके पैकेट पर लिखे लेबल्स को पढ़कर आप उलझन में पड़ जाएं। आप सबसे पहले रेंज-फ्री चीज़ें उठाते हैं और थोड़े सोच-विचार के बाद ऑर्गैनिक पैकेट ले लेते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट शीना टिग्रानिया का कहना है कि मीट खरीदते समय हमेशा लेबल पर इन 5 बातों को जानने की कोशिश करनी चाहिए।
ऑर्गैनिक- ऑर्गैनिक मीट और पोल्ट्री केवल ऑर्गैनिक रूप से पैदा की गयी चीज़ें खाते हैं और इनमें हार्मोन या एंटीबायोटिक दवाइयां नहीं दी जाती। ऑर्गैनिक एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसीलिए मीट खरीदते समय लेवल पढ़कर पता करें कि उस जानवर को ऑर्गैनिक चीज़ें और घास ही खिलाई गयी हैं या नहीं।
नैचुरल- यूएसडीए (USDA) ने नैचुरल उत्पादों की परिभाषा करते हुए कहा कि नैचुरल का अर्थ है कि मीट में कोई कृत्रिम चीज या रंग नहीं मिलाया गया है और उसे कम से कम प्रोसेस किया गया है। इसलिए हमेशा ताजा मीट को ही नैचुरल माना जाता है।
हार्मोन-फ्री- सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि यूएसडीएस (USDS) चिकन या टर्की में हार्मोन का उपयोग करने की मान्यता नहीं देता। इसीलिए अगर आपको कोई ऐसा पैकेट दिखाई दे जिसमें 'हार्मोन-फ्री' मीट लिखा दिखायी पड़े तो खुश न हों। हालांकि, किसान अपनी भेड़ों और मवेशियों को हार्मोन देते हैं। इसलिए अगर आप बकरी का मीट खरीद रहे हैं, तो लेवल पर 'हार्मोन-फ्री' की सूचना ज़रूर पढ़ें।
घास का चारा—ऐसे जानवर जो अनाज, सोया या मकई की बजाय केवल प्राकृतिक घास खाते हैं, वैसे जानवरों को यूएसडीए (USDA) मौसम के बदलने पर चरागाह तक ले जाने का निर्देश देता है। लेकिन ऐसे जानवरों को भी कुछ समय तक बांधकर रखा जाता है और उन्हें पर्याप्त पोषक आहार नहीं मिलता। अगर आप ग्रास-फीड मीट खरीदना चाहते हैं तो किसी आसपास की दुकान या बाज़ार से मीट खरीदें। इस तरह आपको मीट के उत्पादन और जानवर के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी।
एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग- जानवरों को एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं ताकि उनका वजन अधिक बढ़ सके। लेकिन यह पता लगाना ज़रूरी है कि जानवरों को एंटीबायोटिक दवाइयां दी गयी या नहीं। यह थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि एंटीबायोटिक दवाइयों से जुड़े दावे बहुत ही उलझानेवाले या भ्रामक है। लेकिन यह समझना बहुत आसान हो सकता है। दरअसल यूएसडीए (USDA) अगर आप कभी मीट के पैकेट पर 'एंटीबायोटिक-फ्री', 'नो एंटीबायोटिक' या 'ड्रग-फ्री,' 'केमिकल-फ्री' और 'नो एंटीबायोटिक ग्रोथ प्रमोटेंट्स' जैसी जानकारियां लिखी मिलें तो उन्हें न खरीदें, क्योंकि ये सारी बातें सरासर झूठ हैं।