भगवान के दरबार में इंसानों की पेशी तो आपने कई बार सुनी होगी। लेकिन कानून के दरबार में भगवान की पेशी का मामला आपने ज्यादा नहीं सुना होगा। जी हां छत्तीसगढ़ के एक कोर्ट में शुक्रवार को भगवान की पेशी हुई। पहले तो अधिकारियों ने भगवान शंकर को आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी कर दिया। इसके बाद कोर्ट में हाजिर नहीं होने की हालत में 10 हजार रुपए जुर्माना लगा दिया। जिसके बाद भगवान को कोर्ट में पेश होना पड़ा। अब भगवान खुद तो आ नहीं सकते थे ऐसे में भक्तों ने भगवान की मूर्ति उखाड़ कर कोर्ट में ले गए। लेकिन कोर्ट पहुंचने के बाद भगवान को न्याय नहीं मिला उन्हें मिली अगली तारीख। 


तारीख पे तारीख, ये डॉयलॉग आपने कई बार सुना होगा लेकिन अब भगवान को भी कोर्ट ने तारीख दी है। इसका मतलब है भगवान को कोर्ट में एक बार फिर से पेश होना है। यानी अब भगवान को भी इंसाफ के लिए इंतजार करना पड़ेगा वो भी इंसानों की तरह। 

क्या है मामलाछत्तीसगढ़ के रायगढ़ (Raigarh) की तहसीलदार कोर्ट ने भगवान शिव समेत 10 लोगों को नोटिस जारी कर तलब किया। रायगढ़ शहर के वार्ड क्रमांक-25 कौहकुंडा में एक शिव मंदिर है। सुधा राजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसमें शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाए गए थे। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन व तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया। इस पर सुनवाई करते हुए तहसीलदार कोर्ट ने नोटिस में भगवान सहित सभी को चेतावनी दी। सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार का जुर्माना और कब्जे से बेदखल भी किया जा सकता है।

पहले भी मि चुका है नोटिसछत्तीसगढ़ में भगवान शिव को नोटिस देने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले नवंबर-2021 में जांजगीर-चांपा जिले के सिंचाई विभाग ने भोलेनाथ को नोटिस जारी कर जगह खाली करने कहा गया था। हालिया मामले में तहसीलदार कोर्ट ने कब्जाधारियों को जो नोटिस जारी किया है उसमें छठवें नंबर पर शिव मंदिर का नाम है। नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है, बल्कि सीधे शिव मंदिर यानी भगवान शंकर को ही नोटिस जारी किया।