पखवाड़े भर पूर्व रायगढ़ जिले से एक अजीबोगरीब व हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। दरअसल तहसील कोर्ट ने जमीन कब्जे के मामले में शिव मंदिर समेत 10 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी 25 मार्च को कोर्ट में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष रखने कहा गया था। नोटिस में ये भी लिखा गया था कि सुनवाई में नहीं आने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना तथा जमीन से बेदखली की कार्रवाई की जा सकती है। 25 मार्च को मोहल्लेवासी मंदिर से ठेले पर सम्मान पूर्वक शिवलिंग (Shivling) लेकर तहसील कोर्ट पहुंचे। यह नजारा देखने सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। तहसील में अधिकारियों के नहीं रहने से सुनवाई नहीं हो सकी और पेशी की तिथि 13 अप्रैल नियत की गई।
गौरतलब है कि रायगढ़ निगम अंतर्गत वार्ड क्रमांक-25 कौहकुंडा में स्थित शिव मंदिर को लेकर सुधा राजवाड़े नामक महिला ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें उसने शिव मंदिर समेत 16 लोगों के खिलाफ जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य शासन व संबंधित तहसीलदार को जांच करने निर्दशित किया था। आदेश के परिपालन में तहसीलदार ने 10 दिन पूर्व शिव मंदिर समेत 10 लोगों को नोटिस जारी कर 25 मार्च को कोर्ट में अपना पक्ष रखने कहा था।
पक्षकारों में शिव मंदिर का भी नाम
तहसील कोर्ट द्वारा जारी नोटिस में 6वें नंबर पर शिव मंदिर के नाम का उल्लेख है। नोटिस में शिव मंदिर के पुजारी, प्रबंधक या ट्रस्टी के नाम से संबोधित न कर सीधे शिव मंदिर लिखा गया है, ऐसे में माना जा रहा है कि तहसीलदार ने भगवान शिव को ही नोटिस जारी किया है।
यदि कोई पक्षकार 25 मार्च को नियत की गई सुनवाई में नहीं आता है तो उसे 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। यानी भगवान शिव भी उपस्थित नहीं होते हैं तो उनसे भी जुर्माना वसूल किया जाएगा।
शिवलिंग लेकर पहुंचे मोहल्लेवासी
तहसील कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के पालन में 25 मार्च को शिव मंदिर से सम्मान पूर्वक शिव मंदिर को ठेले में लेकर मोहल्ले के लोग तहसील कोर्ट पहुंचे। आस्था से जुड़ा मामला होने के कारण काफी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचे थे। तहसील में अधिकारियों के नहीं होने के कारण सुनवाई की तिथि 13 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।