छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तहसीलदार कोर्ट ने भगवान शंकर को नोटिस जारी कर तलब किया था। नहीं आने पर 10 हजार रुपये जुर्माना और बेदखली की चेतावनी दी थी। आज भोलेनाथ को कोर्ट में पेश होना था। श्रद्धालु असमंजस में थे, लेकिन मंदिर से जुड़े लोगों और भक्तों ने इसका अनूठा रास्ता खोज निकाला। मंदिर के शिवलिंग को नाग समेत उखाड़ दिया और रिक्शा में लेकर कोर्ट पहुंच गए। अब तहसीलदार साहब कोर्ट में मौजूद नहीं थे, तो भगवान शिव को 13 अप्रैल की नई पेशी तारीख मिली है।


बता दें कि भगवान भोलेनाथ पर अवैध रूप से जमीन कब्जा करने का आरोप है। रायगढ़ शहर के वार्ड क्रमांक-25 कौहकुंडा में एक शिव मंदिर है। सुधा राजवाड़े ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें शिव मंदिर समेत 16 लोगों पर सरकारी भूमि पर कब्जा करने का आरोप है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। 

न्यायालय ने राज्य शासन व तहसीलदार कार्यालय को इसकी जांच करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश की तामिली करते हुए तहसीलदार कार्यालय ने 10 लोगों को नोटिस जारी किया है। कब्जाधारियों को जारी नोटिस में छठवें नंबर पर भगवान शंकर का नाम है। नोटिस में मंदिर के ट्रस्टी, प्रबंधक या पुजारी को संबोधित नहीं किया गया है, बल्कि सीधे शिव मंदिर यानी भगवान शंकर को ही नोटिस जारी किया गया है।  

भगवान शंकर को भेजे नोटिस में तहसीलदार कोर्ट ने चेतावनी दी थी कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता की धारा के तहत आपका यह कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। आपको 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित करने व कब्जा भूमि से बेदखल किया जा सकता है। सुनवाई 25 मार्च को नीयत की गई है। कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर दंडित करने की बात कही गई थी। शुक्रवार को शिव भगवान की पेशी थी, तो श्रद्धालु शिवलिंग को लेकर कोर्ट पहुंचे। 

वहां बाहर नोटिस लगा हुआ था कि पीठासीन अधिकारी किसी अन्य राजस्व कार्य में व्यस्त हैं। इसके चलते मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी गई। अब भगवान शंकर को 13 अप्रैल को फिर कोर्ट पहुंचना पड़ेगा।