अगर आप फिल्में देखना का शौक रखते हैं तो आपने ‘ओह माई गॉड’ फिल्म जरूर देखी होगी। इस फिल्म में भगवान को ही नोटिस भेज दिया गया था और उनको कोर्ट में तलब किया गया था। हालांकि ये फिल्म तो बस मनोरंजन के लिए बनी थी लेकिन हकीकत में ही ऐसा मामला सामने आ गया है।

छत्तीसगढ़ में हैरान करने वाला नोटिस सामने आया है। यहां पर किसी आम नागरिक को नहीं बल्कि भगवान शिव के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं उनको चेतावनी भी दी गई कि अगर वो समय पर कोर्ट नहीं पहुंचे तो उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी।

रायगढ़ नगर निगम का मामला

ये अनोखा मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नगर निगम के क्रमांक 25 से सामने आया है। यहां पर अवैध भूमि कब्जे के एक मामले में तहसीलदार कोर्ट ने भगवान शिव को ही तलब कर लिया है। इतना ही नहीं उनको मंदिर के कागज लेकर समय से कोर्ट पहुंचना होगा वरना उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई भी होगी।

अब आपको पूरा मामला बता देते हैं। इस नगर निगम में रहने वाली एक महिला सुधा राजवाड़े ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि जहां पर उनकी भूमि है, उस रास्ते में लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। इस वजह से उनको अपनी भूमि तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं मिल पा रहा है।

कोर्ट के आदेश पर तहसीलदार ने जारी किया नोटिस

महिला की याचिका पर हाईकोर्ट गंभीर हो गया और कोर्ट ने तहसीलदार को मामले में कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया। इसी के बाद तहसीलदार कोर्ट ने अवैध कब्जों के आरोप में 25 लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने और अपनी भूमि के कागज लेकर कोर्ट में आने का आदेश जारी किया। हैरानी की बात है कि उन 25 लोगों में भगवान शिव के मंदिर का भी नाम था।

इस नोटिस को जिसने भी देखा वो हैरान हो गया। इसकी वजह गांव में तालाब के पास बने शिव के मंदिर को कोर्ट से नोटिस जारी किया गया। गांव में ये खबर आग की तरह फैल गई कि नोटिस में शिव मंदिर को सीधे ही नोटिस जारी कर कोर्ट में तलब कर लिया गया है। लोग चर्चा करने लगे कि आखिर भगवान खुद कैसे कागज लेकर कोर्ट में जाएंगे।

तहसीलदार ने मानी गलती

मामला जब तूल पकड़ने लगा तो तहसीलदार के संज्ञान में भी आया। गलती का पता चलते ही तहसीलदार कोर्ट में भी हड़कंप मच गया। इसके बाद तहसीलदार ने गलती मानी और अपनी सफाई दी। राजस्व न्यायालय के नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर ने बताया कि ये एक मानवीय भूल है। ऑपरेटर ने नोटिस टाइप किया था, उसने मंदिर के पुजारी शिव मालाकार दी जगह सीधे शिव मंदिर लिख दिया।

उन्होंने बताया कि इस गलती को सुधार लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि जितने भी लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उनको कागज लाने होंगे। अगर कोई कागज नहीं लाता है तो इसे अवैध कब्जा माना जाएगा और उसके कब्जे को मौके से हटाया जाएगा। हालांकि अभी पूरे मामले की जांच चल रही है।