होली (Holi) से पहले ही महंगाई (Inflation) रंग में भंग डालना शुरू कर दिया है. रूस-यूक्रेन तनाव (Russia Ukraine War) से केवल कच्चा तेल ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर नहीं है. वहीं, खाद्य तेल (Edible Oil) ने भी ग्राहकों की जेब को भारी करना शुरू कर दिया है. देश की राजधानी दिल्ली में 15 दिन में पाम तेल का भाव 20 से 25 रुपए बढ़ गया है. सोया, सूरजमुखी और मूंगफली तेल की कीमतें भी बढ़ गई हैं. सरसों तेल का भाव तो पहले से ही 200 रुपए लीटर के पास बना हुआ है. सीमित ग्लोबल सप्लाई की वजह से खाने का तेल पहले ही महंगा है और अब रूस-यूक्रेन युद्ध ने आग में घी का काम कर दिया.

होली से पहले महंगाई ने डाला रंग में भंग! आने वाले दिनों में और बिगड़ेगा आपके किचन का बजट

महंगा खाने का तेल बिगाड़ रहा बजट

तेल          1 मार्च को भाव       15 फरवरी को भाव            बदलाव

पाम          155                           132                              23

सोया         167                           157                              10

सूरजमुखी  183                          181                                2

मूंगफली    196                          194                                2

सरसों       200                          203                                3

(नोट: दिल्ली का भाव रुपए प्रति किलो में) (स्रोत: DCA)

देश में खपत होने वाला 65 फीसदी खाने का तेल आयात करना पड़ता है और आयात होने वाले तेल में करीब 60 फीसदी पाम ऑयल होता है. सारा पाम तेल मलेशिया और इंडोनेशिया से इंपोर्ट होता है और इस साल वहां पर ही सीमित सप्लाई है. दिसंबर के मुकाबले जनवरी के दौरान मलेशिया में क्रूड पाम ऑयल उत्पादन करीब 14 फीसदी और स्टॉक 8 फीसदी घट गया है.

मलेशिया में घटा पाम ऑयल उत्पादन

जनवरी             दिसंबर              बदलाव

12.53               14.5                 -13.6%

(आंकड़े लाख टन में) (स्रोत: MPOB)

सप्लाई की पहले ही किल्लत चल रही है और अब रूस-यूक्रेन युद्ध से यह किल्लत और बढ़ गई है. देश में आयात होने वाले खाने के तेल में 14-15 फीसदी हिस्सेदारी सूरजमुखी तेल की है और अधिकतर तेल रूस और यूक्रेन से आता है. अक्टूबर में खत्म हुए ऑयल साल 2020-21 के दौरान देश में 131.31 लाख टन खाने का तेल आयात हुआ, जिसमें करीब 19 लाख टन सूरजमुखी तेल था और उसमें 16 लाख टन से ज्यादा यूक्रेन और रूस से आया था. युद्ध की वजह से इतनी सप्लाई बाधित होने की आशंका बढ़ गई है.

2020-21 में सूरजमुखी तेल आयात

कुल आयात      18.93

यूक्रेन-रूस की हिस्सेदारी     16.70

(आंकड़े लाख टन में) (स्रोत: SEA)

तेल महंगा होने से सिर्फ किचन का बजट ही नहीं बढ़ा. गर्मियों में आइसक्रीम खाना भी महंगा हो सकता है. देश में मिल्क प्रोडक्ट के नाम पर बेचे जाने वाले ज्यादातर आइस्क्रीम उत्पाद वनस्पति तेल से तैयार होते हैं. अब तेल महंगा हो गया है तो लाजमी है आइसक्रीम भी महंगी होगी, बल्कि आइसक्रीम ही क्यों. पैक्ड स्नैक्स और बाहर खाना भी पहले से महंगा हो सकता है.

इस मुश्किल का हल तभी निकल सकता है जब निर्भरता देश में पैदा होने वाले तेल तिलहन पर होगी. इस साल रिकॉर्ड तिलहन उत्पादन होने की उम्मीद जरूर है. कृषि मंत्रालय ने इस साल रिकॉर्ड 371 लाख टन तिलहन पैदा होने का अनुमान लगाया है, लेकिन रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद इतनी उपज नहीं है कि तेल आयत पर निर्भरता में ज्यादा कमी आए.