आज के समय में पैक्ड फूड खाना फैशन सा बन गया है. टाइम की कमी के कारण लोग पैक्ड फूड खाने लगे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ये पैक्ड फूड आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. ये हम नहीं कह रहे बल्कि हालिया रिसर्च कुछ ऐसा ही कहती है. पैक्ड फूड यानि अस्थमा- रिसर्च के मुताबिक, यदि आप नॉनवेज के शौकीन है तो इसे खाते हुए आपको सावधानी बरतनी चाहिए. यूं तो नॉनवेज के नाम से आपके मुंह में पानी आ जाता होगा लेकिन क्या आप जानते हैं पैक्ड नॉनवेज फूड यानि डब्बाबंद फूड खाने से आपको अस्थमा की प्रॉब्लम हो सकती है और यदि आपको पहले से ही अस्थमा की दिक्क्त है तो ये प्रॉब्लम और बढ़ सकती है. ऐसा क्यों?
रिसर्च में कहा गया है कि प्रिसरवेटिव नॉनवेज में नाइट्राइट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जिससे ब्रीदिंग ट्यूब में स्वैलिंग हो सकती है, जो अस्थमा की इनिशियल स्टेज है. अधिक बार पैक्ड नॉनवेज के हो सकते हैं ये नुकसान रिसर्च के नतीजों से पता चलता है कि ऐसे व्यक्ति जो हफ्ते में चार या इससे अधिक बार पैक्ड नॉनवेज का सेवन करते हैं, उनमें अस्थमा की समस्या होने का खतरा 76% अधिक होता है. इससे सांस लेने में दिक्कत, चेस्ट में टाइटनेस और दूसरी परेशानियां हो सकती हैं.
क्या बताती है ये रिसर्च पेरिस के पॉल ब्रोउसे अस्पताल के जेन ली ने कहा कि यह रिसर्च प्रिसरवेटिव नॉनवेज के सेवन से हेल्थ पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव और अस्थमा के एडल्ट पेशेंट्स में डायट के इफेक्ट के बारे में बताता है. यह डायट से अस्थमा के जुड़े होने की भूमिका और बीएमआई के संदर्भ में एक नई एनालिटिकल एप्रोच देता है." कैसे की गई रिसर्च रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 971 अस्थमा के एडल्ट पेशेंट्स (49% पुरुष) पर टेस्टिंग की. इन मरीजों से उनके द्वारा लिए जाने वाली डायट के संबंध में कई स्टेप्स में प्रश्न पूछे गए.
इन प्रश्नों में 46 खाद्य समूहों की 118 खाद्य सामग्रियों को शामिल किया गया था. इसमें प्रिसरवेटिव नॉनवेज के सेवन को कम (हफ्ते में एक बार), मध्यम (हफ्ते में चार बार) और उच्च (हफ्ते में चार या उससे अधिक) तीन हिस्सों में बांटा गया. अस्थमा और मोटापा रोचक बात यह है कि अस्थमा के लिए अधिक वजन या मोटापा को नुकसानदायक माना जाता है, लेकिन इस रिसर्च के अनुसार नॉनवेज के सेवन और अस्थमा की शिकायत बढ़ने में यह सिर्फ 14 % मामलों में ही सही साबित हुआ. इससे स्पष्ट हो गया कि अस्थमा की शिकायत बढ़ने में नॉनवेज के सेवन का सीधा प्रभाव होता है. यह अध्ययन ऑनलाइन शोध पत्रिका जर्नल थोरेक्स के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ है.