मुंगेली जिले में सिस्टम का अमानवीय चेहरा सामने आया है..दरअसल एक गरीब और मजबूर पिता सड़क दुर्घटना में मृत हुए अपने जवान बेटे के मौत से मिलने वाली सहायता राशि के लिए तीन सालों से चक्कर काट रहा है लेकिन आज तक सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजन को दी जाने वाली सरकार कि ओर से यह सहायता राशि उन्हें नही मिली है..

आंखों में जवान बेटे के गम का आंसू लिए इस पिता की आंखे पथरा गयी मगर जिम्मेदार अधिकारियों का दिल नही पसीजा.. और तो और कई बार दफ्तरों में जाने के बावजूद काम नही होने पर हताश पिता जब नाजिर शाखा के अधिकारी कर्मचारी के पास जाता है तब उन्हें जवाब भी गोलमोल मिलता है.न्याय की आस लिए मजबूर पिता ने अब कलेक्टर से गुहार लगाई है।

जरहागांव थाना अंतर्गत ग्राम छतौना के रहने वाले ईश्वर कश्यप के 22 वर्षीय जवान पुत्र की 1 सितम्बर 2019 को सड़क हादसे में मौत हो गई जिसके बाद उन्होंने सड़क दुर्घटना में मृतक के परिजन को सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि के लिए मुंगेली एसडीएम कार्यालय में आवदेन लगाया है..

जिसके बाद साल भर तक एसडीएम कार्यालय से लेकर नाजिर शाखा के दफ्तरों का चक्कर काटता रहा अधिकारियों से मिन्नतें करता रहा तब कही जाकर एक साल बाद 26 नवंबर 2020 को एसडीएम कार्यालय से इनके नाम की स्वीकृति सम्बंधित आदेश जारी किया गया जिसमें उन्हें 25 हजार रुपये आर्थिक सहायता दिए जाने का जिक्र किया गया है

लेकिन इसे सिस्टम की लापरवाही अथवा बेचारगी समझे या फिर जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी ?.एसडीएम कार्यालय से 2020 में स्वीकृति मिलने के बाद भी आज तक उन्हें ये क्षतिपूर्ति के रूप में प्राप्त होने वाली सहायता राशि प्राप्त नही हुई है..पीड़ित ईश्वर कश्यप का कहना है कि अब तक वह सैकड़ो बाद दफ्तरों का चक्कर काट चुका है जिसमे उसे मिलनी वाली राशि का एक तिहाई खर्च यात्रा में गंवा चुका है..

इसके बावजूद आज तक उन्हें यह सहायता राशि नही मिली है.उनका कहना है कि जब वे एसडीएम दफ्तर जाते है तब उन्हें यहाँ से स्वीकृति हो जाने की बात कही जाती है जबकि नाजिर शाखा में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी पहले तो स्वीकृति नही मिलने की बात कह रहे थे.लेकिन अब पिछले कई माह से यह कह रहे है कि उनके लिए आबंटित सहायता राशि किसी दूसरे के खाते में चली गई है..जब नया आबंटन आएगा तब उनके खाते में इस बार राशि डलवाई जाएगी..

यह बात वे पिछले 3-4 माह से कहते आ रहे है..जिसकी जानकारी उन्होंने मौजूदा एसडीएम साहब को भी दी तक उन्होंने भी जल्द ही उन्हें सहायता राशि दिलवाने की बात कही मगर महीनों बीत गए हुआ कुछ नही.. यही वजह है थकहार कर उन्होंने आज कलेक्टर अजीत वसन्त से इस सहायता राशि के लिए गुहार लगाई है ..जिस पर कलेक्टर ने उन्हें 15 दिन में उनके खाते में सहायता राशि दिलवाए जाने का आश्वासन दिया है।

इसके बारे में नाजिर शाखा के अधिकारी कर्मचारी से बातचीत की तब उन्होंने यह बात दोहराई और कहा कि इनके नाम की स्वीकृत राशि सेम नाम वाले किसी दूसरे व्यक्ति के खाते में ट्रांसफ़र हो गया इसलिए नया आबंटन आते ही उन्हें यह सहायता राशि दे दी जाएगी..वही एसडीएम अमित कुमार ने भी यही बात दोहराई है. लेकिन सवाल ये है कि आधुनिकता के इस डिजिटल युग मे आखिर इतनी बड़ी गलती नाजिर शाखा में कैसे हुई ..

इसे गंभीरता से लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जांच कराई जानी चाहिए..जिससे ये पता चल सके कि इसके आड़ में कहीं कोई खेल तो नही खेला जा रहा है..इधर जवान बेटे की मौत की सहायता राशि प्राप्त करने के लिए भटक रहे इस मजबूर पिता की सिस्टम से विश्वास उठ गया है..उनका कहना है कि दफ्तरों का चक्कर काट कर थक गया हूँ जिले की मुखिया से गुहार लगाया हूं इसके बाद भी मेरा काम नही होगा तो मैं अब कही नही जाऊंगा..

वही उन्होंने सरकार के प्रति भी नराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि यदि सरकार के पास बजट नही है तो सड़क दुर्घटना में मृत लोगो के परिजनों को सहायता राशि देना बंद करे..और अगर देते भी है तो सिस्टम को ठीक करे..जिससे मेरे जैसा लाचार बाप अपने बेटा के मौत के पैसे के लिए इस कदर भटकने को मजबूर न हो..!