यूक्रेन व रूस के बीच चल रहे युद्ध की आंच घर की रसोई तक पहुंच गई है। खाद्य सामग्रियों के भाव बढ़ जाने से गृहिणियों का रसोई का बजट बिगड़ गया है। तेल से लेकर मिर्च मसालों के दामों में यकायक उछाल देखने को मिला है। दोनों देशों के बीच युद्ध के बाद यहां भारत में महंगाई में इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा असर खाद्य तेलों की कीमतों पर देखने को मिला है। व्यापारियों का कहना है कि युद्ध पर विराम नहीं लगा तो कीमतें और बढ़ेगी। खाद्य तेलों पर 300 से 400 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों के अनुसार सन फ्लावर के अलावा मूंगफली व रिफांइड सोयाबीन तेल भी यूक्रेन से आयात होता है। युद्ध के चलते यूक्रेन के हालात बिगडऩे से वहां से माल आयात करने में कई बाधाएं आ रही है। हालांकि बीच में तेलों के भाव में कमी भी आई, लेकिन व्यापारियों का मानना है कि अगर युद्ध जारी रहा तो दाम और बढ़ेंगे। महंगाई की मार होली के त्योहार पर भी देखने को मिलेगी। गृहणी अनिता, मोनिका, मंजू ने बताया कि दाम बढ़ाने बजट गड़बड़ागया है। व्यापारियों की माने तो एक हफ्ते पहले जिस खाद्य तेल (रिफाइंड) की कीमत 2050 रुपए प्रति 15 किलो टीन थी। वह अब बढकऱ 2470 रुपए तक पहुंच गया है। यही स्थिति कुछ दिनों तक और ऐसे ही रही तो इनमें और इजाफा होने की उम्मीद है। व्यापारियों की माने तो जिले में रिफाइंड व मूंगफली के तेल की खपत ज्यादा होती है।

खाद्य तेलों व खाद्य सामग्री के भावों में उछाल से गड़बड़ाया घरेलू बजट
खाद्य तेलों व खाद्य सामग्री के भावों में उछाल से गड़बड़ाया घरेलू बजट

मसालों ने भी दिखाए अपने तेवर
सब्जियों के स्वाद को चटपटा बनाने के लिए काम में आने वाले मसालों के भाव भी बढ़े है। मिर्ची और तीखी हुई है तो लोंग ने भी अपने ताव दिखाए हैं। यही नहीं हल्दी व धनिया के भी भाव बढऩे से रसोई में गृहिणियों के लिए परेशानी बन गई है। इसमें सबसे ज्यादा असर मध्यम वर्ग के परिवार के सामने देखने को मिलेगी।

ये है आकड़े....
तेल पहले अब
रिफाइंड 2050 2470
मूंगफली 2300 2580
सन फ्लॉवर 2250 2540
बीकानेर गोल्ड 2170 2470
(भाव प्रति टिन)
मसालों के भाव
मसाला पहले अब
मिर्ची 200 330
हल्दी 100 130
धनिया 100 140
काली मिर्ची 480 580
लोंग 600 750

होली पर दिखेगी महंगाई की मार
खाद्य सामग्री में बढ़ रहे दामों के चलते होली के त्योहार पर इसकी मार देखने को मिलेगी। त्योहारी सीजन को लेकर घरों में तेल से निर्मित कई व्यजंन बनाए जाते हैं, लेकिन इस बार तेल काफी महंगा है। हालांकि बताया जा रहा है कि महंगाई को देखते हुए कई ने तेल का स्टॉक भी कर लिया।

यूक्रेन व रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण भारत में भी खाद्य तेलों की कीमतों में इजाफा हुआ है। अगर युद्ध बंद नहीं हुआ और यही स्थिति बनी रही तो महंगाई और बढ़ सकती है।
लेखराज गुलाबवानी, किराना व्यापारी, बूंदी


’युद्ध के चलते विदेशों के बाजार भाव पर यहां का बाजार निर्भर करता है। बीते 10 से 12 दिनों में दामों में तेजी रही है। एक पीपे पर 300 से 400 रुपए तक बढ़ गए है। हालांकि अभी दो-तीन दिन तक भाव कम रहे। अगर स्थिति सामान्य नहीं हुई तो आने वाले दिनों में तेलों के दामों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।