लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में 3 अक्टूबर 2021 को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई थी, जिसमें 4 किसान समेत 8 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर प्रदर्शनकारी 4 किसानों को रौंदने का आरोप लगा था. मगर इस घटना का असर यूपी चुनाव में बीजेपी पर लखीमपुर खीरी जिले की आठों विधानसभा पर नहीं पड़ा. बता दें कि लखीमपुर खीरी जिले की सभी 8 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की है.



जिले की आठों विधानसभा सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों की जीत पर समाजवादी पार्टी (एसपी) समर्थकों ने कहा, 'यह चुनाव विकास के मुद्दे पर नहीं था. यह चुनाव हिंदू-मुस्लिम होकर रह गया था, जिसकी वजह से ही बीजेपी की सभी 8 सीटें जीती हैं, जो लोकतंत्र के लिए खतरा है."

एसपी समर्थक शाश्वत मिश्रा ने कहा, "बहुत ही चौंकाने वाले नतीजे आए हैं, क्योंकि चुनाव से पहले महंगाई और बेरोजगारी एक बहुत बड़ा मुद्दा था लेकिन जब नतीजे आए तो बेरोजगारी और महंगाई मुद्दा कहीं ना कहीं ध्वस्त हुआ है. बीजेपी यहां 8 सीटें जीती है. यह विपक्ष के लिए समीक्षा का विषय है."

एसपी के दूसरे समर्थक ऋषभ रस्तोगी ने कहा, "यह चुनाव हिंदू बनाम मुस्लिम के आधार पर लड़ा गया था, इसलिए बीजेपी यहां पर जीत गई है." 

वहीं, लखीमपुर खीरी जिले की आठों विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का कब्जा होने पर समर्थकों ने खुशी जाहिर की है.

बीजेपी समर्थक श्याम कुमार तिवारी ने कहा, "असल में बीजेपी की ओर से किए गए कार्यों के कारण लोगों ने मत दिया है और यह बहुत अच्छी बात है. परिवारवाद या अन्य कार्यों के लिए लोगों ने वोट नहीं किया है सिर्फ विकास के मुद्दों को लेकर लोगों ने वोट किया है. इसीलिए योगी जी की फिर से सरकार बनी है, इसके लिए लोग बधाई के पात्र हैं. बीजेपी ने लखीमपुर की 8 सीटें जीती हैं, इसमें किसानों का कोई रोल नहीं रहा है. किसान यहां नाराज नहीं था, एक मिथक था वो टूट गया."

वहीं, एक और बीजेपी समर्थक राजू अग्रवाल ने कहा, "यह भारतीय जनता पार्टी की जीत है ना कि प्रत्याशियों की जीत. बीजेपी की पिछली सरकार में कोई संगठित अपराध नहीं हुआ था, जिसका नतीजा है कि पार्टी ने जिले की आठों सीटों पर जीत हासिल की."