सऊदी अरब ने आतंकवाद से जुड़े अपराधों के लिए एक ही दिन में 81 लोगों को फांसी (Saudi Arabia Executions) दे दी। खास बात ये है कि यह संख्या इस खाड़ी देश में 2021 में पूरे साल में जितने लोगों को फांसी (Capital Punishment In Saudi Arabia) दी गई थी, उससे कहीं ज्यादा है। बताया जा रहा है कि इन लोगों को कई जघन्य अपराध करने का दोषी पाया गया था। सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार फांसी दिए गए लोगों में इस्लामिक स्टेट समूह, अल-कायदा, यमन के हूती विद्रोही बलों या अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े अपराधी शामिल थे।
81 में से 73 सऊदी के नागरिक
सऊदी प्रेस एजेंसी (SPA) के मुताबिक जिन 81 लोगों को फांसी दी गई, उनमें से 73 सऊदी नागरिक थे। 7 यमनी और एक सीरियाई नागरिक है। SPA के मुताबिक, ये बड़े आर्थिक केंद्रों पर हमले की साजिश रचे थे। इनमें से कुछ ने सुरक्षा बलों के सदस्यों की हत्याएं की थी या फिर देश में हथियारों की तस्करी में शामिल थे।
अदालत की सुनवाई के बाद दी गई फांसी
जिन लोगों को फांसी दी गई, उनके खिलाफ सऊदी अरब की अदालतों में मुकदमें चले थे। एसपीए के मुताबिक, हर दोषी के मुकदमों की तीन अलग-अलग चरणों में 13 जजों ने सुनवाई की थी। खाड़ी का ये अमीर देश दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा फांसियां दी जाती हैं। 2021 में पूरे साल के दौरान सऊदी अरब में कुल 69 लोगों को फांसी दी गई थी।
जिन लोगों को फांसी दी गई, उनके खिलाफ सऊदी अरब की अदालतों में मुकदमें चले थे। एसपीए के मुताबिक, हर दोषी के मुकदमों की तीन अलग-अलग चरणों में 13 जजों ने सुनवाई की थी। खाड़ी का ये अमीर देश दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां सबसे ज्यादा फांसियां दी जाती हैं। 2021 में पूरे साल के दौरान सऊदी अरब में कुल 69 लोगों को फांसी दी गई थी।
सऊदी की हुंकार- आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी
सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने कहा कि उनका देश आतंकवाद और चरमपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और अटूट रुख अपनाना जारी रखेगा। मंत्रालय ने आतंकवाद को पूरी दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा बताया है। सऊदी अरब पिछले कई साल से कट्टर आतंकवाद और पड़ोसी देश यमन में जारी हिंसा से जूझ रहा है। यमन में सक्रिय हूती विद्रोही अक्सर सऊदी अरब को निशाना बनाते रहे हैं।
सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने कहा कि उनका देश आतंकवाद और चरमपंथी विचारधाराओं के खिलाफ सख्त और अटूट रुख अपनाना जारी रखेगा। मंत्रालय ने आतंकवाद को पूरी दुनिया की स्थिरता के लिए खतरा बताया है। सऊदी अरब पिछले कई साल से कट्टर आतंकवाद और पड़ोसी देश यमन में जारी हिंसा से जूझ रहा है। यमन में सक्रिय हूती विद्रोही अक्सर सऊदी अरब को निशाना बनाते रहे हैं।