सोने की कीमतों (Gold Price) में रिकॉर्ड हाई से बड़ी गिरावट आई है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में सोने की कीमत हाई स्तर 55,558 रुपये प्रति 10 ग्राम से करीब 4000 रुपये गिर गई है. एमसीएक्स पर सोने का भाव शुक्रवार को 51,475 के स्तर पर बंद हुआ, जो गुरुवार के बंद भाव से 0.33 फीसदी कम है. सोने का हाजिर भाव भी 1.10 फीसदी की गिरावट के साथ 1921 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुआ. कमोडिटी मार्केट के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में यूएस फेड (US Fed Rate) की ब्याज दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति (Inflation) के दबाव को कम करने के लिए 2022 के दौरान ब्याज दरों में तेजी लाने का संकेत दिया है. इससे कीमती धातु की कीमतों में गिरावट आई है.

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हालांकि, एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रूस पर जारी आर्थिक प्रतिबंध सप्लाई चेन की दिक्कतें बढ़ जाएगी और महंगाई भी बढ़ेगी. इसलिए, सोने के खरीदारों को ‘बाय ऑन डिप्स’ पर खरीदारी की सलाह है. क्योंकि एमसीएक्स पर सोने की कीमत को 48,800 रुपये का सपोर्ट है. उन्होंने कहा कि सोने की कीमतों में अल्पावधि में कुछ दबाव देखने को मिल सकता है लेकिन मध्यम से लंबी अवधि में इसका आउटलुक पॉजिटिव दिख रहा है.

रूस-यूक्रने में नरमी से सेफ हेवन की अपील कम हुई

लाइव मिंट ने रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट- कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च सुगंधा सचदेवा ने कहा, रूस-यूक्रेन संकट (Russia Ukraine Crisis) में नरमी के कारण सोने की कीमतों ने हाल के अधिकांश लाभ गंवा दिया है, जिससे कीमती धातु की सुरक्षित ठिकाने की अपील कम हो गई है.

इसके अलावा, फेड ने तीन वर्षों में पहली बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए 2022 के दौरान ब्याज दरों को कम करने की फेड की आक्रामक नीति से सोने पर दबाव बना है. उच्च ब्याज दरें सोने के लिए नकारात्मक हैं क्योंकि वे बिना ब्याज वाले सोने को रखने की अवसर लागत को बढ़ाते हैं.

ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर यूएस फेड के कठोर रुख के बावजूद मुद्रास्फीति के दबाव को जारी रखने की उम्मीद करते हुए रेलिगेयर ब्रोकिंग की सुगंधा सचदेवा ने कहा, बाजार इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं कि रूस पर जारी आर्थिक प्रतिबंध आपूर्ति श्रृंखला की बाधाओं को बढ़ाएंगे और बढ़ती कीमतों के दबाव का कारण बनेंगे. बढ़ी हुई मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरें बहुत तेजी से बढ़ा सकते हैं, जिससे आगे चलकर आर्थिक विकास का आउटलुक कमजोर हो सकता है और सोने की निवेश अपील को बढ़ाता है.