इंदौर: ऑनलाइन गेम की लत ने फिर एक छात्र की जान ले ली. घटना इंदौर की है जहां एक स्टूडेंट ने ऑनलाइन तीन पत्ती गेम के चक्कर में मौत को गले लगा लिया. मृतक जितेंद्र ने जहर खाने से पहले अपनी बहन को मैसेज करके इसकी जानकारी दी थी. बहन ने उसके रूम पार्टनर को फोन कर बताया. फिर दोस्त उसे अस्पताल लेकर पहुंचे भी लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं. मौके से सुसाइड नोट भी मिला है. सुसाइड नोट के अनुसार जितेंद्र को ऑनलाइन गेम की लत लग गई थी. गेम खेलने के लिए उसने निजी फाइनेंस कंपनी से एक लाख रुपए का पर्सनल लोन लिया था. इसी को चुका न पाने के लिए उसने सुसाइड जैसा कदम उठाया.
माता-पिता को माली हालत काफी खराब थी
पुलिस ने बताया मूलतः खरगोन जिले के रहने वाला छात्र जितेंद्र वास्कले भंवरकुआं में किराए से रहता था. उसके साथ कुछ दोस्त भी रहते थे. वह बीए की पढ़ाई कर रहा था. मौत को गले लगाने से पहले उसने बहन दिव्या को वॉट्सअप पर मैसेज भेजा था. उसके अनुसार जितेंद्र को ऑनलाइन गेम की लत लग गई थी. ऑनलाइन गेम खेलने के लिए उसने कर्ज लिया था. इससे परेशान होकर उसने यह कदम उठाया. पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की जांच शुरू कर दी है. जितेंद्र कुछ साल पहले पढ़ाई के लिए इंदौर आ गया था. माता-पिता की माली हालत काफी खराब है. इसके चलते जितेंद्र ने तीन पत्ती खेलना शुरू किया. रुपये जीतने के लालत में वह कर्ज के दलदल में धंसता चला गया.
ऑनलाइन लोन लिया था, इसलिए था परेशान
जितेंद्र को तीन पत्ती खेलने की लत लग गई थी. इसी के चलते उसने ऑनलाइन लोन ऐप के माध्यम से कर्ज ले लिया था. वह कर्ज लिया पूरा पैसा तीन पत्ती गेम में हार गया और जब उस पर अधिक कर्जा हो गया तो उसने यह कदम उठाया. सुसाइड नोट के मुताबिक जितेंद्र ने लिखा कि जिस कंपनी से लोन लिया था वह उसे किश्त भरते के लिए गाली-गलौच कर परेशान कर रहे थे. ऐसे कंपनी पर कार्यवाही की जाए. इसके अलावा उसके कॉन्टेक्ट के लोगों को भी धमका रहे थे. ऐसे लोगों जिसके चलते ही वह कई दिनों से परेशान था.
जीत के लालच में लिया कर्ज
जितेंद्र के पिता खरगोन में मजदूरी करते हैं. जबकि जितेंद्र कुछ साल पहले पढ़ाई के लिए इंदौर आ गया था. माता-पिता की स्थिति खराब देख उसने तीन पत्ती खेलना शुरू कर दिया. ताकि वो उस में जीत कर मां-पापा को जल्दी बड़ा घर और अच्छी जिंदगी देना चाहता था. इसके लिए जीतने के लालच में कर्जा कर लिया.
सुसाइड नोट में लिखा- मेरा लोन मम्मी-पापा से लेना
मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैं लोन चुकाने की हालत में नहीं हूं. मेरा लोन मेरे मम्मी-पापा से नहीं लेना. मेरी सरकार से अपील है कि मेरी अभी तक कि जितनी पढ़ाई की है, वो दस्तावेजों के बदले मुझे मेरे लोन के पैसे चुका लें. क्योंकि वैकेंसी तो आती नहीं और आती है तब तक तैयारी नहीं हो पाती.
लोन पाकर फंसती जिंदगी
ऑनलाइन गेम का कारोबार इस कदर छात्रों को अपना शिकार बना रहा है कि बाकायदा गेम खेलने वालो के लिए लोन की भी व्यवस्था की जाती है. इसके लिए किसी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होती बस मोबाईल से ही KVC दी जाती है, जिसके बाद लोन मिल जाता है. हालांकि इस लोन पर कंपनी 14 प्रतिशत से भी ज्यादा ब्याज वसूलती है. जब वसूली भी नहीं निकल पाती तो कंपनी अलग-अलग हथकंडे अपनाती है.
गृह मंत्री ने दिखाई थी सख्ती
गौरतलब है कि प्रदेश की शिवराज सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग रेगुलेशन एक्ट (online gaming regulation act) लागू करने का फैसला लिया था, जिसका पहला प्रारूप गृह विभाग ने तैयार कर लिया है. ऑनलाइन गेमिंग से बढ़ रही अप्रिय घटनाओं को देखते हुए शिवराज सरकार ये कदम उठा रही है. हालांकि ये अभी तक लागू नहीं हुआ है. इसके अलावा गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने भी कहा था कि ये गंभीर मुद्दा है. ऑनलाइन गेमिंग को लेकर जल्द ही एमपी में एक्ट लाया जाएगा. एक्ट का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है, इसे प्रदेश में जल्द लागू किया जाएगा.