कोरोना से मृत्यु होने पर मृतक के आश्रितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख की राशि की मदद दी जा रही है। इसके तहत अब तक 3704 मृतकों के आश्रितों को चार-चार लाख की दर से कुल 148 करोड़ 16 लाख कोष से जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सीएम राहत कोष न्यासी पर्षद की 21वीं बैठक में यह जानकारी दी गई।



मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को कई निर्देश दिये। इस दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने 20वीं बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि हर बिंदु पर कार्यवाही पूर्ण की गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त राशि, वितरित राशि एवं शेष जमा राशि का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। 

मालूम हो कि सीएम राहत कोष से आपदा की स्थिति में लोगों की मदद की जाती है। इसके अलावा अन्य कार्यों में भी लोगों की मदद दी जाती है। बैठक में मुख्यमंत्री को जानकारी दी गयी कि वर्ष 2006-07 में सीएम राहत कोष में महज 29 करोड़ प्राप्त हुए थे, जो मुख्यमंत्री की विशेष पहल से वर्ष 2021-22 में 1502 करोड़ हो गए। इसमें से 859 करोड़ व्यय किए गए हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री राहत कोष में 665 करोड़ शेष हैं। 

बैठक में यह भी जानकारी दी गयी कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन में अन्य राज्यों में फंसे बिहार के लोगों के रहने एवं खाने की व्यवस्था के लिए इस कोष से 100 करोड़ दिये गये। साथ ही मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में कोष से करीब 21 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार का भुगतान किया गया। कोरोना महामारी में कोष से अब तक 448 करोड़ 16 लाख की राशि से लोगों को सहायता दी गयी है।

बैठक में यह भी बताया गया कि 10 बाढ़ प्रभावित जिलों में 100 बाढ़ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए अब-तक 59 करोड़ दिये गये। 40 बाढ़ आश्रय स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और शेष का निर्माण प्रगति पर है। बाढ़ राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों को बर्तन, वस्त्र आदि के मद में 600 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से मदद दी गई। 

बाढ़ के दौरान राहत शिविरों में लड़के के जन्म पर 10 हजार एवं लड़की के जन्म लेने पर 15 हजार का भुगतान किया गया। कालाजार रोग से पूर्ण मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत प्रत्येक कालाजार रोगियों को 6600 रुपये की मदद दी जा रही है। अब तक उक्त योजना के लिए 12 करोड़ राज्य स्वास्थ्य समिति को भेजे जा चुके हैं।
 
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री की विशेष पहल से इस योजना की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। इस योजना से राज्य में कालाजार रोग के उन्मूलन में काफी सहायता मिली है। अब राज्य में दो हजार से भी कम संख्या में कालाजार रोग से पीड़ित मरीज बच गये हैं। वहीं बाल श्रम उन्मूलन के लिए मुक्त कराये गये प्रत्येक बाल श्रमिक को आवासन के लिए 25 हजार की मदद दी जा रही है। मुक्त कराये गये अब तक 1700 बच्चों को इसका लाभ दिया जा चुका है।

बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार को कोष का सदस्य सचिव बनाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपमुख्यमंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी एसके सिंघल, शिक्षा के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार, वित्त के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ,, स्वास्थ्य के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, राज्यपाल के सचिव आरएल चोंग्थू एवं सचिव आपदा प्रबंधन संजय कुमार अग्रवाल जुड़े हुए थे।