केंद्रीय ट्रेड संघों के एक फोरम ने 28 मार्च और 29 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। यह भारत बंद मोदी सरकार की उन नीतियों के खिलाफ बुलाया जा रहा है, जिनसे कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों पर गलत असर पड़ रहा है। माना जा रहा है कि इसे असफल बनाने के लिए राज्य सरकारें एस्मा लगा सकती हैं।


रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली विभाग के कर्मचारियों ने भी इस भारत बंद को समर्थन देने का फैसला किया है। यह भी कहा जा रहा है कि बैंकिंग, बीमा और वित्तीय क्षेत्र के कर्मचारी भी इस हड़ताल का हिस्सा होंगे। ट्रेड संघों ने कोयला, स्टील, ऑयल, दूरसंचार, पोस्टल, आयकर, कॉपर, बैंक और बीमा क्षेत्रों को इस हड़ताल की सूचना देने वाला नोटिस भेजा है। दावा किया जा रहा है कि केंद्र वाली भाजपा सरकार अपनी नीतियों से कामगार वर्ग को परेशान कर रही है।

इस भारत बंद के चलते बहुत सारे काम-काज बंद रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। सबसे बड़ा असर बैंकिंग पर दिख सकता है और उम्मीद है कि 28-29 मार्च को बैंकों का काम काफी हद तक प्रभावित हो। इसका काफी हद तक असर ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर भी दिख सकता है।