यूजीसी ने यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने मंगलवार को बताया कि इस CUET में 13 अलग-अलग भाषाओं में परीक्षा दी जा सकती है.



जगदीश कुमार ने कहा, "हमने विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) को अनिवार्य बनाने का फैसला किया है, जो 13 अलग-अलग भाषाओं में दिया जा सकता है. हमने छात्रों को बहुत सारे विकल्प दिए हैं."

उन्होंने कहा कि CUET से छात्रों को बहुत लाभ होगा और राज्य विश्वविद्यालय के साथ ही प्राइवेट और डीम्ड विश्वविद्यालयों के ग्रेजुएट कोर्सेज की प्रवेश प्रक्रिया के लिए CUET के स्कोर का उपयोग कर सकते हैं.

12वीं के नंबर नहीं होंगे आधार

UGC के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने आगे कहा, "हमने विश्वविद्यालयों से कहा कि आपकी मौजूदा रिजर्वेशन और एडमिशन पॉलिसी में बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन आपका एडमिशन CUET के आधार पर होना चाहिए, न कि कक्षा 12 के अंकों के आधार पर. "

कुमार ने कहा कि छात्रों को अंक पर नहीं बल्कि सीखने पर ध्यान देना चाहिए. यह हमारा प्राथमिक उद्देश्य है कि छात्रों को सीखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. हम CUET के माध्यम से एक समान अवसर देना चाहते हैं.

13 भाषाओं में होगी परीक्षा

UGC ने 21 मार्च को नोटिस जारी किया था कि UGC द्वारा वित्त पोषित सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एकेडमिक सेशन 2022-23 से यूजी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी.

दो खंडों में होगी परीक्षा

यूजीसी ने बताया कि CUET 2022 का पेपर पैटर्न दो खंडों में होगा. जिसमें सेक्शन 1B छात्रों के लिए ऑप्शनल होगा और इसे उन छात्रों द्वारा चुना जा सका है, जो ऊपर दिए गए भाषाओं के अलावा किसी अन्य भाषा में जाना चाहते हैं. इसमें फ्रेंच, जर्मन आदि से प्रश्न पूछे जा सकते हैं. यहां छात्रों को 6 डोमेन तक चुनने की स्वतंत्रता होगी, जिसे वे अपने यूजी कोर्स में आगे बढ़ाना चाहते हैं.