सिकंदराबाद में बुधवार तड़के एक लकड़ी और कबाड़ की दुकान में भीषण आग लगने से बिहार के 11 श्रमिकों की जलकर मौत (Bihar Labour Died) हो गई. मरने वालों में से 10 बिहार के छपरा के आजमपुरा गांव के थे. घटना की जानकारी मिलते ही गांव में मातम छा गया. बताया जा रहा है कि गोदाम में 12 मजदूर काम करते थे. इनमें से 11 की मौत हो गई. 1 की ही जान बच पाई है. सभी 11 मजदूरों के शव पहले फ्लोर पर मिले हैं. शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है.
हादसे में इन मजदूरों की हुई मौत
हादसे में बिहार के रहने वाले शिकंदर, बिट्टू, दामोदर, चिंटू, राजेश, दीपक, पंकज, दिनेश, शिकंदर, राजेश की जलकर मौत हो गई. ये सभी करीब डेढ़ साल पहले हैदराबाद में काम करने पहुंचे थे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्रमिकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सांस के साथ धुआं अंदर चले जाने के बाद वे बेहोश हो गए. उन्होंने ये भी कहा कि ये एक हृदय विदारक दृश्य था क्योंकि घटनास्थल पर शवों का ढेर लगा हुआ था. श्रमिक खुद को नहीं बचा सके क्योंकि वहां केवल एक ही सीढ़ी थी. हालांकि एक व्यक्ति कमरे से कूदकर बचने में सफल रहा. दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार आग कबाड़ के गोदाम से शुरू हुई और ऊपर के कमरे में फैल गई.
सभी शवों का होगा डीएनए टेस्ट
तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने आग की घटना में बिहार के मजदूरों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव सोमेश कुमार को पीड़ितों के शवों को उनके मूल स्थानों पर भेजने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. ऐसे में उनकी पहचान के लिए सभी शवों का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा पशुपालन मंत्री टी. श्रीनिवास यादव, मुख्य सचिव सोमेश कुमार और पुलिस आयुक्त आनंद ने घटनास्थल का दौरा किया.
पीएम मोदी ने जताया दुख
ताकि दोबारा न हों ऐसे हादसे
घटनास्थल का दौरा करने वाले मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे. गांधी नगर के एसएचओ मोहन राव ने बताया इस मामले की जांच जारी है. बिहार के रहने वाले श्रमिक घटना के समय गोदाम के ऊपर बने एक कमरे में सो रहे थे. सुबह तीन बजकर 55 मिनट पर आग लगने की सूचना मिली और 7 बजे आग पर काबू पा लिया गया.