इंसानों का थाने कोर्ट कचहरी से रिश्ता आम हो चुका है। हर दस में से पांच लोग तो जीवन में कभी ना कभी कोर्ट कचहरी के चक्कर जरूरी लगाते हैं और लगभग सारे लोगों को किसी न किसी वजह से थाना भी जीवन में कभी ना कभी जाना ही पड़ता है। लेकिन कैसा हो जब इंसान के साथ धरती के कर्ताधर्ता भगवान को भी थाना कोट कचहरी के चक्कर लगाने पड़े।
ऐसा ही मामला छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से सामने आ रहा है जहां भगवान शिव को ही थाने से नोटिस जारी कर दी गई है। भगवान भोलेनाथ को अवैध रूप से जमीन कब्जा करने के आरोप में नोटिस दिया गया है और कहा गया है कि अगर वह वक्त पर हाजिर न हुए तो उन्हें दस हज़ार तक का जुर्माना भी किया जा सकता है। साथ ही साथ उनकी जमीन से उन्हें बेदखल भी किया जा सकता है। विलासपुर उच्च न्यायालय में भगवान शिव समेत अन्य 15 लोगो के खिलाफ दायर की गई है याचिका : रायगढ़ शहर के वार्ड नंबर 25 कोहकुण्ड में एक शिव मंदिर स्थित है यही कि सुधा राजवाड़े नामक महिला ने बिलासपुर हाईकोर्ट में एक अर्ज़ी दी, जिसमें आरोपित किया गया कि भगवान शिव समेत 16 लोगों ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन व तहसीलदार को मामले की जांच करने का आदेश दिया और जांच के बाद तहसीलदार ने भगवान शिव के साथ अन्य 10 लोगों के नाम से नोटिस जारी कर दिया।
10 दिनों की मोहलत दी गई है भगवान को हाज़िर होने के लिए : जिस तहसीलदार ने नोटिस जारी की उसका नाम विक्रांत सिंह ठाकुर है।इसका कहना है कि हाई कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पता चला कि शिव मंदिर कब्जे की जमीन पर निर्मित है। इसलिए मंदिर के समेत अन्य 10 लोगों को नोटिस जारी की और नोटिस में उन्हें उपस्थित होने के लिए 10 दिन का समय भी दिया गया है। साथ ही साथ नोटिस में साफ उल्लिखित है कि छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता के अंतर्गत नोटिस जारी किए गए व्यक्तियों का कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए वाद की तिथि जो कि 23 मार्च नियत की गई है। उस पर उपस्थित होकर अपना पक्ष सभी को रखना है। अन्यथा ₹10000 के अर्थदंड एवं कब्जा की हुई भूमि से बेदखल भी किया जा सकता है।जारी की गई नोटिस में मंदिर के पुजारी,प्रबंधक,ट्रस्टी किसी का भी नाम नहीं दिया गया है। नोटिस में साफ तौर से भगवान शिव को संबोधित किया गया है। छत्तीसगढ़ में दूसरा मामला सामने आया है जो भगवान भोलेनाथ की जगह खाली करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।