वो ना विराट कोहली है और ना ऋषभ पंत. पर उसका दिखाया जज्बा उनसे कम भी नहीं है. आसान नहीं होता एक पिता के लिए अपने बच्चे के निधन से उबर पाना. उबरा वो भी नहीं था. लेकिन, बात जब किकेट की आई, टीम के लिए स्कोर करने की आई तो उसने जज्बे की अनूठी मिसाल पेश की. हम बात कर रहे हैं विष्णु सोलंकी (Vishnu Solanki) की, जिन्होंने रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में चंडीगढ़ के खिलाफ मुकाबले में शतक जड़ा है. विष्णु सोलंकी कुछ दिन पहले ही पिता बने थे. उनके घर के आंगन में एक बच्ची का जन्म हुआ था. लेकिन खराब सेहत से जुड़े वजहों को लेकर उसका निधन हो गया. बेटी के निधन ने विष्णु को झकझोर दिया. उनके परिवार में मातम पसर गया. सदमा बड़ा था. लेकिन, बड़ौदा (Baroda) के लिए क्रिकेट खेलते वक्त विष्णु ने सदमें को साइडलाइन कर दिया और उतर गए मैदान पर रणजी ट्रॉफी में रंग जमाने.

चंडीगढ़ के खिलाफ विष्णु ने बड़ौदा के लिए गजब का जज्बा दिखाया और शानदार शतक की स्क्रिप्ट लिखी. मुश्किलों को पार कर विष्णु सोलंकी ने जब ये शतक जड़ा, तो इसे देखने के बाद बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन के CEO ने उन्हें रियल हीरो बता दिया. इतना ही नहीं विष्णु सोलंकी के इस दिलेरी वाली पारी पर विरोधी टीमों के खिलाड़ी भी उन्हें सलाम करते दिखे.

विष्णु सोलंकी के जज्बे को विरोधियों ने भी किया सलाम
रणजी ट्रॉफी के एलीट ग्रुप बी के खेले मुकाबले में विष्णु सोलंकी ने चंडीगढ़ के खिलाफ 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए. उनके बल्ले से निकली इस शतकीय पारी के चलते टीम को चंडीगढ़ पर बढ़त मिली और वो अच्छी पोजीशन में पहुंची. अब इतना देखना था कि सौराष्ट्र से रणजी ट्रॉफी खेल रहे बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन तो उन्हें सलाम ही करने लगे. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ” क्या खिलाड़ी है. मैं जितनों को जानता हूं शायद ही कोई इतना टफ प्लेयर हो. मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम है. मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें.”