अहमदाबाद सीरियम बम ब्लास्ट केस में विशेष कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अहमदाबाद ब्लास्ट केस (Ahmedabad blast case) 2008 मामले में विशेष अदालत (Special Court) ने 49 में से 38 दोषियों को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है.इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया. आरोपियों को गैर कानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आजीवन कारावास और मौत की सजा हुई. उन पर कानून की अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज हैं. अदालत ने 77 अभियुक्तों के विरुद्ध गत वर्ष सितंबर में मुकदमे की कार्यवाही समाप्त की थी.

मालूम हो कि साल 2008 में इन धमाकों की गूंज से पूरा देश हिल गया था. इस सीरियल ब्लास्ट मामले में 2 फरवरी को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन 30 जनवरी को ही स्पेशल कोर्ट के जज एआर पटले कोरोना संक्रमित हो गए और इस मामले पर फैसला 8 फरवरी तक टल गया. अहमदाबाद ब्‍लास्‍ट केस का फैसला आने में 13 साल से भी ज्यादा समय लगा है. इस साल 8 फरवरी को 49 लोगों को दोषी ठहराया गया और 28 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया.

अहमदाबाद बम ब्लास्ट केस में 35 FIR हुईं थी दर्ज

साल 2008 में अहमदाबाद में सिलसिलेवार कुल 21 ब्‍लास्‍ट हुए थे. दिलदला देने वाली ये सबसे बड़ी घटना थी, जिसने सबको हिलाकर रख दिया था. देश में इतने कम समय में इतने धमाके पहले कभी नहीं हुए थे. एक घंटे के अंदर अहमदाबाद में एक दो नहीं बल्कि पूरे 21 धमाके हुए. इस मामले में अहमदाबाद पुलिस ने 20 प्राथमिकी दर्ज की थी, जबकि सूरत में 15 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गईं.

अदालत की ओर से सभी 35 प्राथमिकी को मर्ज करने के बाद मुकदमा चलाया गया. दरअसल पुलिस ने अपनी जांच में इस बात का दावा किया था कि सभी एक ही साजिश का हिस्सा थे. ऐसे में सभी प्राथमिकी को मिलाकर केस की सुनवाई शुरू की गई.