युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से बाहर निकालने के प्रयासों को तेज करने के लिए केंद्र ने सोमवार को फैसला किया कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वी के सिंह निकासी अभियान में समन्वय करने तथा छात्रों की मदद के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि ये मंत्री भारत के ‘‘विशेष दूत’’ के तौर पर वहां जाएंगे। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई मंत्री शामिल हुए।

मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी और कहा था कि भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।

बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके।

यूक्रेन की राजधानी में सप्ताहांत का कर्फ्यू हटा लिया गया है, जिससे पिछले पांच दिनों से रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई के बीच फंसे हुए भारतीय नागरिकों के सुरक्षित स्थानों पर जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया, "कीव में वीकेंड कर्फ्यू हटा लिया गया। सभी छात्रों को पश्चिमी हिस्सों की यात्रा के लिए रेलवे स्टेशन पर जाने की सलाह दी जाती है।"